हास्य कविता निरंतर की कलम से.........: सिर्फ गधे क्यों रेंक रहे हैं ? (हास्य कविता): पशु मेले का उदघाटन करने नेताजी पधारे उनके आते ही सारे गधे ढेंचू ढेंचू करने लगे नेताजी चकरा गए चमचे से पूछने लगे बाकी जानवर चुप हैं सिर्फ ग...
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हास्य कविता निरंतर की कलम से.........: सिर्फ गधे क्यों रेंक रहे हैं ? (हास्य कविता): पशु मेले का उदघाटन करने नेताजी पधारे उनके आते ही सारे गधे ढेंचू ढेंचू करने लगे नेताजी चकरा गए चमचे से पूछने लगे बाकी जानवर चुप हैं सिर्फ ग...
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