गुरुवार, 19 मई 2011

अमर बलिदानी नाथूराम गोडसे के जन्मदिवस पर



ऐ वीर तुझे है नमन मेरा

तुम राम कृष्ण की हो संतान..

गाँधी को तूने दिया मोक्ष

ये याद रखेगा हिंदुस्तान......


भारत माता की जय...

नाथूराम गोडसे ...अमर रहे



............................
हत्या किसी भी परिस्थिति में महिमामंडित नहीं की जा सकती मगर सरहद का सिपाही भी हत्या ही करता है देश के दुश्मनों की..
देश का दुश्मन कौन है इसका निर्धारण क्या आज तक हम कर पाए??? कभी पाकिस्तान तो कभी इस्लाम..कभी नेता तो कभी हिन्दू?????
""नाथूराम गोडसे की भावनाए एवं मंजिल पवित्र थी केवल उसे प्राप्त करने का रास्ता सामाजिक रूप से स्वीकार्य नहीं था"""


आशुतोष की श्रधांजलि इस वीर को..

2 टिप्पणियाँ:

गंगाधर ने कहा…

श्रधांजलि इस वीर को..

तेजवानी गिरधर ने कहा…

ओह, इसमें साफ पता ही लग गया कि आप संघ से ही हैं, उद्देश्य विशेष के लिए लिख्ते हैं

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